प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने सभी जिलो के पुलिस कप्तानों को निर्देश दिए हैं कि वे दुष्कर्म पीड़िता की सुरक्षा की समीक्षा करें और आवश्यकतानुसार उन्हें सुरक्षा मुहैया कराएं। उन्होंने यह निर्देश उन्नाव में रेप पीड़िता को जलाए जाने की घटना के बाद दिए हैं।
ओपी सिंह ने बताया कि कई बार ऐसी शिकायतें मिलती हैं कि पुलिस ने शिकायत के बाद भी सुरक्षा मुहैया नहीं कराई। ऐसे में सभी जिलों के पुलिस अफसरों को निर्देश दिए गए हैं कि दुष्कर्म की पीड़िता सुरक्षा मांगती है तो उसे तत्काल उपलब्ध कराया जाए।
साथ ही जिन-जिन थाना क्षेत्रों में इस तरह के मामले हैं, वहां की समीक्षा की जाए और पुलिस कर्मी खुद जाकर दुष्कर्म पीड़िता से बात करें कि उनको किसी तरह का खतरा तो नहीं है? डीजीपी ने बताया कि हालांकि उन्नाव के ताजा मामले में इस तरह की बात सामने नहीं आई है, फिर भी एहतियात के तौर पर यह निर्देश सभी जिलों के पुलिस कप्तानों को दिए गए हैं, ताकि ऐसी घटना न होने पाए।
उपराष्ट्रपति ने मुख्य सचिव से की बात
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने उन्नाव बलात्कार पीड़िता को जलाए जाने के मामले की जानकारी के लिए मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी से बात की। उन्होंने घटना की तथ्यात्मक स्थिति और राज्य सरकार की ओर से की जा रही कार्रवाई के बारे में जानकारी हासिल की।
मुख्य सचिव तिवारी ने बताया कि उपराष्ट्रपति का फोन आया था।
उन्हें पूरे घटनाक्रम की तथ्यात्मक जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ऐसी घटनाओं को लेकर अतिरिक्त संवेदनशील हैं। इस प्रकरण में भी पूरी तत्परता से कार्रवाई हुई है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर मंडलायुक्त व आईजी मौकेपर गए। पीड़िता के इलाज सहित हर तरह की मदद की जा रही है। उन्होंने उपराष्ट्रपति को बताया कि अपराधी तत्वों के खिलाफ सरकार ने तत्काल कड़ी कार्रवाई की है और आगे भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।